क्या आपने कभी सोचा है की sim में आखिर क्या होता है जिससे आप बढ़ी आसानी से फ़ोन कर पाते है मैसेज कर पाते है और इंटरनेट चला पाते है। या फिर आपने कभी सोचा है की यह sim card क्या होता है, या sim काम कैसे करता है? या sim की full form क्या होती है? अगर हाँ, तो आज आपको आपके सभी सवालों का जवाब इस आर्टिकल में मिल जाएगा।
अगर आपने नहीं सोचा तो भी आपको इस आर्टिकल को जरूर पढ़ना चाहिए। क्योकि आप सिम को कई सालो से इस्तेमाल कर रहे है तो आपको इस सिम के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए।
आज मैं आपको बताऊंगा की Sim की Full Form क्या होती है? Sim काम कैसे करता है? इसके साथ साथ आपको sim card के बारे में सारी जानकारी दूंगा।
SIM Full Form क्या होती है?
Sim की Full Form होती है Subscriber Identity Module या Subscriber Identification Module।
SIM Full Form In Hindi
हिंदी में इसे ग्राहक पहचान मापांक भी कहते है लेकिन दुनियाभर में इसे sim card के नाम से जाना जाता है।
Sim क्या होती है?
सिम कार्ड एक integrated circuit है जिसमे अंतरराष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान डाटा को एक चिप के रूप में सुरक्षित रखा जाता है। इसके द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगो की पहचान की जाती है। दरअसल सिम के द्वारा आपका मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर जैसे Vodafone, Airtel, Idea, Jio, Aircel आदि यह पहचान कर पाता है की आप कोनसे नंबर पर कोनसी सर्विस को इस्तेमाल कर रहे है। Sim Card के द्वारा आपका नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर आप तक सर्विस को बढ़ी सुरक्षित रूप से पंहुचा सकता है।
Sim कैसे काम करती है?
दरअसल सिम कार्ड में एक IMSI नंबर होता है जो की 64 bit का नंबर होता है और इसकी फुल फॉर्म होती है International Mobile Subscriber Identity यानी अंतरराष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान। इसके साथ इसमें एक authentication key होती है।
जब आप अपने फ़ोन में sim लगाते है तो आपके फोन में लगी sim आपके सबसे पास के नेटवर्क प्रोवाइडर कंपनी के टावर से कनेक्ट होती है। इसके बाद टावर आपकी सिम के IMSI नंबर को अपने टावर के डाटा बेस से चेक करता है। इसके बाद आपकी सिम में जो ऑथेंटिकेशन key और उस टावर की key आपस में exchang होती है इससे आपकी और उस टावर की पहचान एक दूसरे से होती है।
आपकी ऑथेंटिकेशन key से आपकी पहचान होती है और उस टावर की key से आपकी सिम और टावर को पहचानता है। इसके अलावा आपकी सिम के पीछे एक लम्बा सा नंबर लिखा होता है। यह नंबर होता है ICCID यानी Integrated Circuit Card Identifier होता है यह एक वास्तविक सिम कार्ड का पहचानकर्ता है इससे यह पता चलता है की यह एक मान्य (valid) सिम कार्ड है।
Sim कितने प्रकार की होती है?
सिम दो प्रकार की होती है। एक GSM और दूसरा CDMA और अब LTE भी आ गया है।
GSM – Global System for Mobile Communication
GSM आपकी सिम को इस्तेमाल करता है फ़ोन की डिटेल्स और नंबर को रखने के लिए।
CDMA – Code Division Multiple Access
CDMA आपके फ़ोन की स्टोरेज को इस्तेमाल करता है आपकी फ़ोन डिटेल्स को रखने के लिए।
Lte – Long Term Evolution
आज सबसे ज्यादा Lte का ही इस्तेमाल हो रहा है।
Sim की History क्या है?
पहला सिम कार्ड 1991 में म्यूनिख के स्मार्ट कार्ड निर्माता Giesecke और Devrient द्वारा बनाया गया था। और पहले 300 सिम कार्ड को Finnish wireless network operator Radiolinja को बेचा गया था। सन 1991 में जब सिम कार्ड का आविष्कार किया गया था उस समय इसका आकर लगभग एक क्रेडिट कार्ड के जैसा था। सिम कार्ड की तीन ऑपरेशन वोल्टेज है 5V, 3V और 1.8V ।
सन 1998 से पहले लांच किये गए अधिकांश सिम कार्ड का वोल्टेज 5V था। उसके बाद मार्किट में जो सिम कार्ड आए वह 5V और 3V को सपोर्ट करते थे और आज के आधुनिक सिम कार्ड 5V, 3V और 1.8V को भी सपोर्ट करते है।
Sim के मजेदार तथ्य क्या है?
- क्या आप जानते है की सिम कार्ड अलग अलग डाटा कैपेसिटी जैसे 8 KB से 256 KB तक के आते है। आप इसमें 250 contact तक सेव कर सकते है।
- क्या आप जानते है की जब सबसे पहले जो sim लांच हुआ था तो वह एक क्रेडिट कार्ड के आकर का था लेकिन जैसे जैसे समय बढ़ता गया। यह फुल साइज सिम से मिनी सिम फिर माइक्रो सिम और फिर नैनो सिम में बदल गयी और अब कुछ समय बाद यह नैनो सिम भी बंद हो जाएगी। और e-sim आ जाएगी।
- क्या आप जानते है की sim का एक हिस्सा कटा हुआ इसीलिए होता है ताकि aap सिम को सीधे ठीक तरीके से sim slot में लगा सके।
- क्या आप जानते है की हर एक sim card में एक सीरियल नंबर होता है जिसके पहले तीन नंबर उस देश का कोड होता है उसके बाद के दो नंबर उस कंपनी को दर्शाता है जिसका सिम कार्ड होता है और आखिरी सात नंबर unique user id होती है।
Sim Card के कितने और कौन कौन से format है?
सिम कार्ड बीते सालो में कई फॉर्मेट में आए है जैसे फुल साइज सिम, मिनी सिम, माइक्रो सिम और नैनो सिम और अब e-sim पर भी काम चल रहा है।
Full Size – यह सन 1991 में प्रस्तुत की गयी थी। इसे 1FF यानी 1st form factor भी कहते है। इसकी लम्बाई 85।6 mm, चौड़ाई 53।98 mm और मोटाई 0।76 mm थी। इसका साइज एक क्रेडिट कार्ड के बराबर था।
Mini SIM – इसे सन 1996 में प्रस्तुत किया था और इसे 2FF यानी 2nd form factor भी कहते है। इसकी लम्बाई 25 mm, चौड़ाई 15 mm और मोटाई 0।76 mm थी।
Micro Sim – इसे साल 2003 में प्रस्तुत किया गया था। इसे 3FF यानी 3rd form factor भी कहते है। इसकी लम्बाई 15 mm, चौड़ाई 12 mm और मोटाई 0।76 mm है। जून 2010 में माइक्रो-सिम कार्ड का उपयोग करने वाला iPhone 4 पहला स्मार्टफोन था।
Nano Sim – नैनो सिम को 2012 में प्रस्तुत किया गया था इसे 4FF यानी 4th form factor कहते है। इसकी लम्बाई 12।3 mm, चौड़ाई 8।8 mm और मोटाई 0।67 mm है। सितंबर 2012 में iPhone 5 नैनो-सिम कार्ड का उपयोग करने वाला पहला फ़ोन था।
e-sim – इसे अभी तक लॉन्च नहीं किया गया है लेकिन यह सिम कार्ड की अगली जनरेशन है। इसमें सिम डिवाइस में पहले से embed होगी। आपको sim लगाने और निकालने की जरूरत नहीं होगी। यहाँ तक की sim बदलने के लिए भी सिम को भौतिक रूप से निकालने की जरूरत नहीं होगी। क्योकि यह एक सॉफ्टवेयर आधारित सिम कार्ड है इसलिए सारा काम एप्लीकेशन ही होगा।
एप्पल ने एप्पल वाच सीरीज 3 और सेकंड-जनरेशन आईपेड प्रो में e-sim को लागू किया था। इसके बाद 2017 में गूगल ने पिक्सेल 2 पर से पर्दा उठाते हुए बताया की पिक्सेल 2 में Google Fi सर्विस को इस्तेमाल करने के लिए e-sim का सपोर्ट दिया है।
इसके बाद 2018 में एप्पल ने iPhone X और iPhone XR को e-sim के सपोर्ट के साथ लॉन्च किया। iPhone में e-sim के सपोर्ट के लिए iOS 12।1 या इससे ऊपर के वर्जन की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है की आपको Sim Full Form और सिम के बारे में सारी जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर फिर भी आपको कोई दिक्कत या परेशानी हो तो आप हमे निचे कमेंट करके बता सकते है।
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